SAD EMOTIONAL
Nikle hum duniya ki bhid mein to pata chala...
Har wo shakhs tanha hai jisne pyar kiya ...
Hum Ne Liya Sirf Honton Se Jo Naam Tumhara ,
Dil Honton Se Ulajh Para K Yeh Sirf Mera Hai .
Na jane kyu yeh raat udaas kar deti hai har roz ,
Mehsos yu hota hai jaise bichad raha ho koi
Use kehna apni kismat pe naaz karna acha nahi
hota,
Hum ne barish me bhi jalte huye ghar dekha hain .
Humse khelti rahi duniya taash ke patton ki tarah,
Jisne jeeta usne bhi phenka Jisne haara usne bhi
phenka.
Karo Bade Shoq Se Mohabbat Ae Chahane Walo ,
Magar Soch Lena Kisi Kaam K Na Raho Ge
Bicharne K Baad .
Mujhe Khud Par Itna To Yaqeen Hai
Koi Mujhe Chor To Sakta Hai Magar Bhula Nahi
Sakta.
तेरे एहसासों में जो सुकून है . .
वो नींद में कहाँ . .
अजीब किस्सा है जिन्दगी का ,
अजनबी हाल पूछ रहे हैं और अपनो को खबर तक
नहीं . .
ये जो हालात हैं एक रोज सुधर जायेंगे. .
पर कई लोग मेरे दिल से उतर जायेंगे. .
मुजे ऊंचाइयों पर देखकर हैरान है बहुत लोग . .
पर किसी ने मेरे पैरो के छाले नहीं देखे . .
मिठास रिश्तों कि बढाए तो कोई बात बने. .
मिठाईयाँ तो हर साल मीठी ही
बनती है . .
अपनी जिंदगी अजीब रंग में
गुजरी है . .
राज किया दिलों पे और तरसे मोहब्बत को. .
बेवक्त बेवजह बेसबब सी बेरुखी
तेरी,
फिर भी बेइंतहा तुझे चाहने की
बेबसी मेरी
वहम से भी अक्सर खत्म हो जाते हैं कुछ रिश्ते . .
कसूर हर बार गल्तियों का नही होता . .
किसकी खातिर अब तु धड़कता है ऐ दिल . .
अब तो कर आराम, कहानी खत्म हुई !
सुना था . . मोहब्बत मिलती है , मोहब्बत के
बदले |
हमारी बारी आई तो, रिवाज हि बदल
गया ||
सुनो ! या तो मिल जाओ , या बिछड जाओ ,
यू सासो मे रह कर बेबस ना करो|
तुझ से रूठने का हक है मुझ को . .
पर मुझ से तुम रूठो यह अच्छा नहीं लगता |
हजारों चेहरों में एक तुम ही पर मर मिटे थे . .
वरना. . ना चाहतों की कमी थी और
ना चाहने वालों की . . !
एक सफ़र ऐसा भी होता है दोस्तों ,
जिसमें पैर नहीं दिल थक जाता है…!!
तुझको लेकर मेरा ख्याल नहीं बदलेगा . .
साल बदलेगा , मगर दिल का हाल नहीं बदलेगा |
अगर लोग यूँ ही कमिया निकालते रहे तो,
एक दिन सिर्फ खुबिया ही रह जायेगी मुझमे !
उसने चुपके से मेरी आँखों पर हाथ रखकर पूछा …बताओ
कौन ???
मैं मुस्कराकर धीरे से बोला … “ मेरी
जिन्दगी”
मै नासमझ ही सहीं मगर वो तारा हूं . .
जो तेरी एक ख्वाहिश के लिये. . सौ बार टूट जाऊं |
मैं ख़ामोशी तेरे मन की , तू अनकहा अलफ़ाज़
मेरा. .
मैं एक उलझा लम्हा, तू रूठा हुआ हालात मेरा |
जागना भी कबूल हैं तेरी यादों में रात भर,
तेरे एहसासों में जो सुकून है वो नींद में कहाँ |
जी करता है चला जाऊं , हसीनों की
महफिल में. .
पर क्या करूं ये मेरे दोस्तो , उतना दम ही नहीं
है दिल में ||
एक तु मिल जाती तो किसी का कया चला जाता .
तुझे उमर भर के लिए खुशीयाँ ही
खुशीयाँ और मुझको मेरा खुदा मिल जाता
बहुत थे मेरे भी इस दुनिया मेँ अपने ,
फिर हुआ इश्क और हम लावारिस हो गए. . !
मुझ पर सितम करो तो तरस मत खाना . .
क्योकि खता मेरी हैं मोहब्बत मैंने किया हैं |
वो तो अपनी एक आदत को भी ना बदल
सका . .
जाने क्यूँ मैंने उसके लिए अपनी जिंदगी बदल
डाली
बेवफा कहने से पहले मेरी रग रग का खून निचोड़ लेना . .
कतरे कतरे से वफ़ा ना मिले तो बेशक मुझे छोड़ देना।
दो लव्ज क्या लिखे तेरी याद मे. .
लोग कहने लगे तु आशिक बहुत पुराना है |
सौदा कुछ ऐसा किया है तेरे ख़्वाबों ने मेरी नींदों
से . .
या तो दोनों आते हैं , या कोई नहीं आता. .
कमाल का जिगर रखते है कुछ लोग ,
दर्द पढ़ते है और आह तक नहीं करते |
तेरा नजरिया मेरे नजरिये से अलग था…
शायद तूने वक्त गुजारना था और हमे सारी
जिन्दगी. .
वाह रे इश्क़ तेरी मासूमियत का जवाव
नहीं . ।।
हँसा हँसा कर करता है बर्बाद तू मासूम लोगो को. ।।
Mera majhab to , ye do hatheliya batati hai
jude to pooja … khule to dua kehlati hai
ना मैं शायर हूँ ना मेरा शायरी से कोई वास्ता ,
बस शौक बन गया है , तेरी यादो को बयान करना
जिन्हें पता है कि अकेलापन क्या होता है , वो लोग
दूसरों के लिए हमेशा हाजिर रहते हैं . . !!
तमन्नाओ की महफ़िल तो हर कोई सजाता है ,
पूरी उसकी होती है जो
तकदीर लेकर आता है . . !!
रूठा अगर तुझसे तो इस अंदाज से रूठूंगा ,
तेरे शहर की मिट्टी भी मेरे शकल
को तरसेगी
मेरे साथ बैठ कर वक़्त भी रोया
एक दिन बोला बन्दा तू ठीक है मैं ही
ख़राब चल रहा हूँ .
उम्र बीत गयी पर एक जरा सी
बात समझ नही आई . . !!
हो जाये जिन से मोहब्बत वो लोग कदर क्यों नही
करते. . !!
उम्र बीत गयी पर एक जरा सी
बात समझ नही आई . . !!
हो जाये जिन से मोहब्बत वो लोग कदर क्यों नही
करते. . !
मुझे तो आज पता चला कि मैं किस क़दर तनहा हूँ
पीछे जब भी मुड़ कर देखूं तो मेरा साया
भी मुँह फेर लेता है …!
जब जिन्दा थे तो बेबुनियाद आरोप लगाती रही ,
जब कब्र में सोये तो ‘शख्स बडा लाजबाब था ’
आज मैंने दिल को थोड़ा साफ़ किया ,
कुछ को भूला दिया , कुछ को माफ़ किया !!
इश्क की चोट का कुछ दिल पे असर हो तो
सही,
दर्द कम हो कि ज्यादा हो , मगर हो तो सही …।
मोहब्बत की आजतक बस दो ही बातें
अधूरी रही ,
इक मै तुझे बता नही पाया , और दूसरी तूम
समझ नही पाये . .
बड़े अजीब से हो गए रिश्ते आजकल . .
सब फुरसत में हैं पर वक़्त किसी के पास
नही .
रोने की वजह न थी हसने का
बहाना न था
क्यो हो गए हम इतने बडे इससे अच्छा तो वो बचपन का
जमाना था!
किसी ने कहा था महोब्बत फूल जैसी है!!
कदम रुक गये आज जब फूलों को बाजार में बिकते देखा !
जो दिल को अच्छा लगता है उसी को दोस्त कहता हूँ,
मुनाफ़ा देखकर रिश्तों की सियासत नहीं करता
।।।
ना कर तू इतनी कोशिशे , मेरे दर्द को समझने
की ….
तू पहले इश्क़ कर, फिर चोट खा , फिर लिख दवा मेरे दर्द
की ….
जिस घाव से खून नहीं निकलता,
समझ लेना वो ज़ख्म किसी अपने ने ही दिया
है.
तुम रख न सकोगे , मेरा तोहफा संभालकर ,
वरना मैं अभी दे दूँ, जिस्म से रूह निकालकर…!
अपने वजूद पर इतना न इतरा … ए ज़िन्दगी .
वो तो मौत है जो तुझे मोहलत देती जा रही है
।
वही हुआ न तेरा दिल , भर गया मुझसे …
कहा था न ये मोहब्बत नहीं हैं, जो तुम
करती हो …!!
क्या कशिश थी उस की आँखों में. . मत पूछो .
मुझ से मेरा दिल लड़ पड़ा मुझे यही चाहिये …??
प्यार मोहब्बत चाहत इश्क़ जिन्दगी उल्फ़त ,
एक तेरे आने से कितना बदल गई किस्मत।
दिसम्बर क्या आया , रह गये दोनो अकेले
एक मै दुसरा वो कैलेण्डर का पेज आखरी
सपने तो बहुत आये पर , तुमसा कोई सपनों मे न आया।
फिजा मे फूल तो बहुत खिले पर , तुमसा फूल न मुसकुराया ॥
मन्जिले मुझे छोड़ गयी रास्तों ने सभाल लिया है . . !!
जा जिन्दगी तेरी जरूरत नहीं मुझे
हादसों ने पाल लिया है.
भूल कर भी अपने दिल की बात
किसी से मत कहना ,
यहाँ कागज भी जरा सी देर में अखबार बन
जाता है!
चुभता तो बहुत कुछ मुझको भी है तीर
की तरह . .
मगर खामोश रहता हूँ, अपनी तकदीर
की तरह . .
ताकत की जरूरत तब होतीं हैं जब कुछ बुरा
करना हों . .
वरना दुनियाँ में सब कुछ पाने के लिए प्यार ही
काफ़ी हैं …!!
चाहो तो छोड़ दो. . चाहो तो निभा लो . .
मोहब्बत तो हमारी है. . पर मर्जी सिर्फ
तुम्हारी है . . !!!
हम तो पागल है जो शायरी में ही दिल
की बात कह देते है . .
लोग तो गीता पे हाथ रखके भी सच
नहीं बोलते !!
ना किया कर अपने दर्द को शायरी में ब्यान ये नादान दिल ,
कुछ लोग टुट जाते हैं इसे अपनी दास्तान समझकर …
तेरी यादो को पसन्द आ गई है मेरी आँखों
की नमी ,
हँसना भी चाहूँ तो रूला देती है तेरी
कमी …!!
दोस्तो से अच्छे तो मेरे दुश्मन निकले , ,
कमबख्त हर बात पर कहते हैं कि तुझे छोडेंगे
नहीं .
वहीँ तारीख वहीँ दिन
वहीँ समा बस वो लोग नहीं जिन्होंने बना दिया
यादगार हर लम्हा.
जींदगी गुझर गई सारी कांटो
की कगार पर ,
और फुलो ने मचाई है भीड़ हमारी मझार
पर !!
सुनो तुम मेरी जिद नहीं जो पूरी
हो…
तुम मेरी धड़कन हो जो जरुरी हो . .
और कितने इम्तेहान लेगा वक़्त तू
ज़िन्दगी मेरी है फिर मर्ज़ी
तेरी क्यों
यकीन नहीं होता फिर भी कर
ही लेता हूँ …
जहाँ इतने हुए एक और फरेब हो जाने दो…
जो लम्हा साथ हैं , उसे जी भर के जी लेना .
कम्बख्त ये जिंदगी. . भरोसे के काबिल नहीं
है. !
तुम भी अच्छे … तुम्हारी वफ़ा भी
अच्छी,
बुरे तो हम है जिनका दिल नहीं लगता तुम्हारे बिना…
एक उमर बीत चली है तुझे चाहते
हुए,
तू आज भी बेखबर है कल की
तरह . .
जब नफ़रत करते करते थक जाओ . . ।
तो एक मौका प्यार को भी दे देना।।
खामोशियाँ – बहुत कुछ कहती हैं ,
कान नही दिल लगा कर सुनना पड़ता है . .
मैंने उसे बोला ये आसमान कितना बड़ा है ना,
पगली ने गले लगाया और कहा इससे बड़ा तो
नहीं . .
देखते हैं अब क्या मुकाम आता है साहेब,
सूखे पत्ते को इश्क़ हुआ है बहती हवा से . . !!
मैने जो पुछा उनसे कि . . यूँ बात बात पे रूलाते क्युँ हो . .
वो बङे प्यार से बोली, मुझे बहता हुआ पानी
बेहद पंसद है.
शायरी लिखना बंद कर दूंगा अब मैं यारो . .
मेरी शायरी की वजह से दोस्तों
की आँखों में आंसू अब देखे नहीं जाते . . !!
ठहर सके जो . . लबों पे हमारे,
हँसी के सिवा , है मजाल किसकी .
तुम पल भर के लिए दूर क्या जाते हो,
तो हम ‘ बिखरने ’ से लगते हैं . .
Har wo shakhs tanha hai jisne pyar kiya ...
Hum Ne Liya Sirf Honton Se Jo Naam Tumhara ,
Dil Honton Se Ulajh Para K Yeh Sirf Mera Hai .
Na jane kyu yeh raat udaas kar deti hai har roz ,
Mehsos yu hota hai jaise bichad raha ho koi
Use kehna apni kismat pe naaz karna acha nahi
hota,
Hum ne barish me bhi jalte huye ghar dekha hain .
Humse khelti rahi duniya taash ke patton ki tarah,
Jisne jeeta usne bhi phenka Jisne haara usne bhi
phenka.
Karo Bade Shoq Se Mohabbat Ae Chahane Walo ,
Magar Soch Lena Kisi Kaam K Na Raho Ge
Bicharne K Baad .
Mujhe Khud Par Itna To Yaqeen Hai
Koi Mujhe Chor To Sakta Hai Magar Bhula Nahi
Sakta.
तेरे एहसासों में जो सुकून है . .
वो नींद में कहाँ . .
अजीब किस्सा है जिन्दगी का ,
अजनबी हाल पूछ रहे हैं और अपनो को खबर तक
नहीं . .
ये जो हालात हैं एक रोज सुधर जायेंगे. .
पर कई लोग मेरे दिल से उतर जायेंगे. .
मुजे ऊंचाइयों पर देखकर हैरान है बहुत लोग . .
पर किसी ने मेरे पैरो के छाले नहीं देखे . .
मिठास रिश्तों कि बढाए तो कोई बात बने. .
मिठाईयाँ तो हर साल मीठी ही
बनती है . .
अपनी जिंदगी अजीब रंग में
गुजरी है . .
राज किया दिलों पे और तरसे मोहब्बत को. .
बेवक्त बेवजह बेसबब सी बेरुखी
तेरी,
फिर भी बेइंतहा तुझे चाहने की
बेबसी मेरी
वहम से भी अक्सर खत्म हो जाते हैं कुछ रिश्ते . .
कसूर हर बार गल्तियों का नही होता . .
किसकी खातिर अब तु धड़कता है ऐ दिल . .
अब तो कर आराम, कहानी खत्म हुई !
सुना था . . मोहब्बत मिलती है , मोहब्बत के
बदले |
हमारी बारी आई तो, रिवाज हि बदल
गया ||
सुनो ! या तो मिल जाओ , या बिछड जाओ ,
यू सासो मे रह कर बेबस ना करो|
तुझ से रूठने का हक है मुझ को . .
पर मुझ से तुम रूठो यह अच्छा नहीं लगता |
हजारों चेहरों में एक तुम ही पर मर मिटे थे . .
वरना. . ना चाहतों की कमी थी और
ना चाहने वालों की . . !
एक सफ़र ऐसा भी होता है दोस्तों ,
जिसमें पैर नहीं दिल थक जाता है…!!
तुझको लेकर मेरा ख्याल नहीं बदलेगा . .
साल बदलेगा , मगर दिल का हाल नहीं बदलेगा |
अगर लोग यूँ ही कमिया निकालते रहे तो,
एक दिन सिर्फ खुबिया ही रह जायेगी मुझमे !
उसने चुपके से मेरी आँखों पर हाथ रखकर पूछा …बताओ
कौन ???
मैं मुस्कराकर धीरे से बोला … “ मेरी
जिन्दगी”
मै नासमझ ही सहीं मगर वो तारा हूं . .
जो तेरी एक ख्वाहिश के लिये. . सौ बार टूट जाऊं |
मैं ख़ामोशी तेरे मन की , तू अनकहा अलफ़ाज़
मेरा. .
मैं एक उलझा लम्हा, तू रूठा हुआ हालात मेरा |
जागना भी कबूल हैं तेरी यादों में रात भर,
तेरे एहसासों में जो सुकून है वो नींद में कहाँ |
जी करता है चला जाऊं , हसीनों की
महफिल में. .
पर क्या करूं ये मेरे दोस्तो , उतना दम ही नहीं
है दिल में ||
एक तु मिल जाती तो किसी का कया चला जाता .
तुझे उमर भर के लिए खुशीयाँ ही
खुशीयाँ और मुझको मेरा खुदा मिल जाता
बहुत थे मेरे भी इस दुनिया मेँ अपने ,
फिर हुआ इश्क और हम लावारिस हो गए. . !
मुझ पर सितम करो तो तरस मत खाना . .
क्योकि खता मेरी हैं मोहब्बत मैंने किया हैं |
वो तो अपनी एक आदत को भी ना बदल
सका . .
जाने क्यूँ मैंने उसके लिए अपनी जिंदगी बदल
डाली
बेवफा कहने से पहले मेरी रग रग का खून निचोड़ लेना . .
कतरे कतरे से वफ़ा ना मिले तो बेशक मुझे छोड़ देना।
दो लव्ज क्या लिखे तेरी याद मे. .
लोग कहने लगे तु आशिक बहुत पुराना है |
सौदा कुछ ऐसा किया है तेरे ख़्वाबों ने मेरी नींदों
से . .
या तो दोनों आते हैं , या कोई नहीं आता. .
कमाल का जिगर रखते है कुछ लोग ,
दर्द पढ़ते है और आह तक नहीं करते |
तेरा नजरिया मेरे नजरिये से अलग था…
शायद तूने वक्त गुजारना था और हमे सारी
जिन्दगी. .
वाह रे इश्क़ तेरी मासूमियत का जवाव
नहीं . ।।
हँसा हँसा कर करता है बर्बाद तू मासूम लोगो को. ।।
Mera majhab to , ye do hatheliya batati hai
jude to pooja … khule to dua kehlati hai
ना मैं शायर हूँ ना मेरा शायरी से कोई वास्ता ,
बस शौक बन गया है , तेरी यादो को बयान करना
जिन्हें पता है कि अकेलापन क्या होता है , वो लोग
दूसरों के लिए हमेशा हाजिर रहते हैं . . !!
तमन्नाओ की महफ़िल तो हर कोई सजाता है ,
पूरी उसकी होती है जो
तकदीर लेकर आता है . . !!
रूठा अगर तुझसे तो इस अंदाज से रूठूंगा ,
तेरे शहर की मिट्टी भी मेरे शकल
को तरसेगी
मेरे साथ बैठ कर वक़्त भी रोया
एक दिन बोला बन्दा तू ठीक है मैं ही
ख़राब चल रहा हूँ .
उम्र बीत गयी पर एक जरा सी
बात समझ नही आई . . !!
हो जाये जिन से मोहब्बत वो लोग कदर क्यों नही
करते. . !!
उम्र बीत गयी पर एक जरा सी
बात समझ नही आई . . !!
हो जाये जिन से मोहब्बत वो लोग कदर क्यों नही
करते. . !
मुझे तो आज पता चला कि मैं किस क़दर तनहा हूँ
पीछे जब भी मुड़ कर देखूं तो मेरा साया
भी मुँह फेर लेता है …!
जब जिन्दा थे तो बेबुनियाद आरोप लगाती रही ,
जब कब्र में सोये तो ‘शख्स बडा लाजबाब था ’
आज मैंने दिल को थोड़ा साफ़ किया ,
कुछ को भूला दिया , कुछ को माफ़ किया !!
इश्क की चोट का कुछ दिल पे असर हो तो
सही,
दर्द कम हो कि ज्यादा हो , मगर हो तो सही …।
मोहब्बत की आजतक बस दो ही बातें
अधूरी रही ,
इक मै तुझे बता नही पाया , और दूसरी तूम
समझ नही पाये . .
बड़े अजीब से हो गए रिश्ते आजकल . .
सब फुरसत में हैं पर वक़्त किसी के पास
नही .
रोने की वजह न थी हसने का
बहाना न था
क्यो हो गए हम इतने बडे इससे अच्छा तो वो बचपन का
जमाना था!
किसी ने कहा था महोब्बत फूल जैसी है!!
कदम रुक गये आज जब फूलों को बाजार में बिकते देखा !
जो दिल को अच्छा लगता है उसी को दोस्त कहता हूँ,
मुनाफ़ा देखकर रिश्तों की सियासत नहीं करता
।।।
ना कर तू इतनी कोशिशे , मेरे दर्द को समझने
की ….
तू पहले इश्क़ कर, फिर चोट खा , फिर लिख दवा मेरे दर्द
की ….
जिस घाव से खून नहीं निकलता,
समझ लेना वो ज़ख्म किसी अपने ने ही दिया
है.
तुम रख न सकोगे , मेरा तोहफा संभालकर ,
वरना मैं अभी दे दूँ, जिस्म से रूह निकालकर…!
अपने वजूद पर इतना न इतरा … ए ज़िन्दगी .
वो तो मौत है जो तुझे मोहलत देती जा रही है
।
वही हुआ न तेरा दिल , भर गया मुझसे …
कहा था न ये मोहब्बत नहीं हैं, जो तुम
करती हो …!!
क्या कशिश थी उस की आँखों में. . मत पूछो .
मुझ से मेरा दिल लड़ पड़ा मुझे यही चाहिये …??
प्यार मोहब्बत चाहत इश्क़ जिन्दगी उल्फ़त ,
एक तेरे आने से कितना बदल गई किस्मत।
दिसम्बर क्या आया , रह गये दोनो अकेले
एक मै दुसरा वो कैलेण्डर का पेज आखरी
सपने तो बहुत आये पर , तुमसा कोई सपनों मे न आया।
फिजा मे फूल तो बहुत खिले पर , तुमसा फूल न मुसकुराया ॥
मन्जिले मुझे छोड़ गयी रास्तों ने सभाल लिया है . . !!
जा जिन्दगी तेरी जरूरत नहीं मुझे
हादसों ने पाल लिया है.
भूल कर भी अपने दिल की बात
किसी से मत कहना ,
यहाँ कागज भी जरा सी देर में अखबार बन
जाता है!
चुभता तो बहुत कुछ मुझको भी है तीर
की तरह . .
मगर खामोश रहता हूँ, अपनी तकदीर
की तरह . .
ताकत की जरूरत तब होतीं हैं जब कुछ बुरा
करना हों . .
वरना दुनियाँ में सब कुछ पाने के लिए प्यार ही
काफ़ी हैं …!!
चाहो तो छोड़ दो. . चाहो तो निभा लो . .
मोहब्बत तो हमारी है. . पर मर्जी सिर्फ
तुम्हारी है . . !!!
हम तो पागल है जो शायरी में ही दिल
की बात कह देते है . .
लोग तो गीता पे हाथ रखके भी सच
नहीं बोलते !!
ना किया कर अपने दर्द को शायरी में ब्यान ये नादान दिल ,
कुछ लोग टुट जाते हैं इसे अपनी दास्तान समझकर …
तेरी यादो को पसन्द आ गई है मेरी आँखों
की नमी ,
हँसना भी चाहूँ तो रूला देती है तेरी
कमी …!!
दोस्तो से अच्छे तो मेरे दुश्मन निकले , ,
कमबख्त हर बात पर कहते हैं कि तुझे छोडेंगे
नहीं .
वहीँ तारीख वहीँ दिन
वहीँ समा बस वो लोग नहीं जिन्होंने बना दिया
यादगार हर लम्हा.
जींदगी गुझर गई सारी कांटो
की कगार पर ,
और फुलो ने मचाई है भीड़ हमारी मझार
पर !!
सुनो तुम मेरी जिद नहीं जो पूरी
हो…
तुम मेरी धड़कन हो जो जरुरी हो . .
और कितने इम्तेहान लेगा वक़्त तू
ज़िन्दगी मेरी है फिर मर्ज़ी
तेरी क्यों
यकीन नहीं होता फिर भी कर
ही लेता हूँ …
जहाँ इतने हुए एक और फरेब हो जाने दो…
जो लम्हा साथ हैं , उसे जी भर के जी लेना .
कम्बख्त ये जिंदगी. . भरोसे के काबिल नहीं
है. !
तुम भी अच्छे … तुम्हारी वफ़ा भी
अच्छी,
बुरे तो हम है जिनका दिल नहीं लगता तुम्हारे बिना…
एक उमर बीत चली है तुझे चाहते
हुए,
तू आज भी बेखबर है कल की
तरह . .
जब नफ़रत करते करते थक जाओ . . ।
तो एक मौका प्यार को भी दे देना।।
खामोशियाँ – बहुत कुछ कहती हैं ,
कान नही दिल लगा कर सुनना पड़ता है . .
मैंने उसे बोला ये आसमान कितना बड़ा है ना,
पगली ने गले लगाया और कहा इससे बड़ा तो
नहीं . .
देखते हैं अब क्या मुकाम आता है साहेब,
सूखे पत्ते को इश्क़ हुआ है बहती हवा से . . !!
मैने जो पुछा उनसे कि . . यूँ बात बात पे रूलाते क्युँ हो . .
वो बङे प्यार से बोली, मुझे बहता हुआ पानी
बेहद पंसद है.
शायरी लिखना बंद कर दूंगा अब मैं यारो . .
मेरी शायरी की वजह से दोस्तों
की आँखों में आंसू अब देखे नहीं जाते . . !!
ठहर सके जो . . लबों पे हमारे,
हँसी के सिवा , है मजाल किसकी .
तुम पल भर के लिए दूर क्या जाते हो,
तो हम ‘ बिखरने ’ से लगते हैं . .
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